Friday, November 20, 2009

हर आहट में उसका एहसास नज़र आता है,
मर भी जाऊं तो उसका चेहरा नज़र आता है,

क्या करू दिल से ये बात अब जाती नहीं है,
उसकी हर बातों में छुपा राज़ नज़र आता है,

मैं मर कर भी जी रहा हूँ उसकी याद में,
ऑंखें बंद हें पर वो बेवफा याद आता है,

उसे भूलने की जितनी भी मैं कोशिश करूँ,
गिरते है अश्क जब उसका गले लगना याद आता है,

शमा मुझे जीने को अपनी सांसो का एक टुकडा दे दो,
मुझे हर मौत में बस तेरा ही चेहरा नज़र आता है..!

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